CHAPTER 01
What is a computer
कॉम्प्युटर क्या है
कॉम्प्युटर क्या है एक संपूर्ण अध्ययन
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कंप्यूटर का परिचय:

इस अध्याय में हम कंप्यूटर की मूलभूत जानकारी, उसकी कार्यप्रणाली, विभिन्न कंप्यूटर जनरेशंस, कंपोनेंट्स, और करैक्टरस्टिक्स के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
परिचय
- कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसे विद्युत ऊर्जा द्वारा संचालित किया जाता है। इसका विकास चार्ल्स बैबेज ने 19वीं सदी में किया था, और तब से यह मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। कंप्यूटर की सही समझ रखना न केवल तकनीकी ज्ञान में वृद्धि करता है, बल्कि यह आज की डिजिटल दुनिया में आवश्यक भी है।
- “कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रानिक युक्ति है जो इनपुट किये गये डाटा व निर्देशों के समूह (Instructions) को पढ़कर, इनका तीव्र गति व परिशुद्धता से प्रक्रियांकन (Processing) कर वांछित निर्गत (परिणाम-output) प्रदान करती है।
- कंप्यूटर (अन्य हिन्दी नाम - अभिकलित्र, संगणक, अभिकलक, परिकलक) वस्तुतः यह एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है।
कंप्यूटर की परिभाषा और कार्यप्रणाली
- कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो इनपुट डिवाइस (जैसे कीबोर्ड और माउस) से डेटा लेता है, उसे प्रोसेस करता है और फिर आउटपुट डिवाइस (जैसे मॉनिटर और प्रिंटर) पर परिणाम प्रस्तुत करता है।
- कंप्यूटर की प्रक्रिया को समझने के लिए तीन मुख्य चरण होते हैं:
- इनपुट: डेटा को इनपुट डिवाइस के माध्यम से लिया जाता है।
- प्रोसेसिंग: डेटा को सीपीयू द्वारा प्रोसेस किया जाता है।
- आउटपुट: प्रोसेस किए गए डेटा को आउटपुट डिवाइस पर प्रदर्शित किया जाता है।
कंप्यूटर के घटक
कंप्यूटर को दो मुख्य भागों में विभाजित किया जा सकता है:
- हार्डवेयर: यह कंप्यूटर के भौतिक घटक होते हैं, जैसे कि इनपुट डिवाइस (कीबोर्ड, माउस), आउटपुट डिवाइस (मॉनिटर, प्रिंटर), और स्टोरेज डिवाइस (हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव)।
- सॉफ्टवेयर: यह कंप्यूटर के लिए बनाए गए प्रोग्राम होते हैं, जो दो प्रकार के होते हैं:
- एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर: उपयोगकर्ता के लिए जैसे MS Office।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर: सिस्टम के लिए जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम।
कंप्यूटर की विशेषताएँ
कंप्यूटर की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- गति: कंप्यूटर डेटा को तेजी से प्रोसेस करता है।
- सटीकता: कंप्यूटर द्वारा प्रदान किए गए परिणाम बहुत सटीक होते हैं।
- स्टोरेज: कंप्यूटर बड़ी मात्रा में डेटा को संग्रहित कर सकता है। वर्तमान में कंप्यूटर में टेराबाइट्स तक की मेमोरी होती है।
सीपीयू और मेमोरी
- सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट): यह कंप्यूटर का मस्तिष्क है जो सभी प्रोसेसिंग कार्य करता है।
- RAM (रेंडम एक्सेस मेमोरी): यह एक प्रकार की प्राइमरी मेमोरी है, जहाँ डेटा अस्थायी रूप से संग्रहीत होता है।
- ROM (रीड-ओनली मेमोरी): यह स्थायी मेमोरी होती है, जिसमें डेटा को स्थायी रूप से रखा जाता है।
कंप्यूटर की पीढ़ियाँ
कंप्यूटर की पीढ़ियाँ निम्नलिखित हैं:
- पहली पीढ़ी (1946-1958): वैक्यूम ट्यूब तकनीक का उपयोग किया गया।
- दूसरी पीढ़ी (1958-1965): ट्रांजिस्टर तकनीक का उपयोग किया गया।
- तीसरी पीढ़ी (1965-1971): इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग किया गया।
- चौथी पीढ़ी (1971-प्रस्तुत): माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया, जो आधुनिक कंप्यूटरों की नींव है।
वास्तविक दुनिया के उदाहरण
कंप्यूटर का उपयोग आज हर क्षेत्र में किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, स्मार्टफोन को भी एक छोटे कंप्यूटर के रूप में देखा जा सकता है, जो हमें सूचनाओं का आदान-प्रदान करने, इंटरनेट ब्राउज़ करने और विभिन्न कार्यों को करने में सक्षम बनाता है।

तो हमारे सामने यह डेस्कटॉप कंप्यूटर सेटअप रखा हुआ है इसके ही इंट्रोडक्शन से स्टार्ट करते हैं
यदि हम इन डिवाइसो के बारे मे पढे तो दिखाई दे रहे सभी डिवाइस आपने आप मे एक बड़ा विषय है तो अभी हम सिर्फ इनके ओवरविव के बारे मे पढ़ेगे जिसकी सहायता से इन्हे आसानी से समझा जा सके। अगले अध्याय मे इन्हे हम विस्तार से जनेगे -
1. CPU - सबसे पहले हम CPU से स्टार्ट करते है जो की कंप्युटर का मुख्य भाग है जो हमे चित्र मे दिखाया गया है यह वास्तव मे कंप्यूटर कैबिनेट है अक्सर इसे लोग सीपीयू कहते हैं जबकि CPU इसके अंदर मौजूद होता है और जितने भी इंटरनल कंप्यूटर पार्ट्स होते हैं जैसे मदरबोर्ड रेम हार्ट डिस्क एस एम पीएस वो सब इसके अंदर ही मौजूद होते हैं यह कंप्युटर मे हो रहे सभी कार्य के लिए जिम्मेदार होता है कंप्युटर मे होने वाले सभी कार्य इसकी ही सहायता से प्रोसेस करके कंप्लीट किया जाता है ।
2. MONITOR - मॉनिटर जिसे हम कंप्यूटर डिस्प्ले भी कहते हैं यह कंप्युटर पे हो रहे कार्य को हमे दिखाता है जिसकी सहायता से हम कंप्युटर पर आसानी से कार्य कर सकते है व रिजल्ट प्राप्त कर सकते है ।
3. MOUSE - अगर आप माउस को देखें तो इसमें कुल 3 बटन होती है जिसमे मुख्यता 2 कार्य बटन और 1 स्क्रॉल बटन होती है लेफ्ट साइड यानी बाई तरफ लेफ्ट बटन है और राइट साइड यानी दाएं तरफ व बीच मे स्क्रॉल बटन है जिससे हम पेज में ऊपर नीचे स्क्रॉल करते हैं
4. KEYBORD - कीबोर्ड का यूज हम कंप्यूटर में डेटा इनपुट करने के लिए करते है । दोस्तों अगर आप अपने कीबोर्ड को देखें तो यहां पर बहुत सारी क Keys है जिनके ऊपर कुछ ना कुछ लिखा हुआ है अगर आप किसी बटन को प्रेस करते है तो जो भी इस पर लिखा हुआ है वह स्क्रीन पर प्रिंट हो जाएगा । आप अब देखेंगे की कीबोर्ड में कई तरीके के Keys दी हुई है यह सभी अलग-अलग टाइप की Keys होते है जैसे अल्फाबेट्स Keys नंबरिक Keys जिसका यूज उपयोग अनुसार अलग-अलग जगह पर अलग-अलग कार्य के लिए किया जाता है
5. UPS - यह UPS जो एक बैटरी बैकअप के रूप में काम करता है फॉर एग्जांपल अगर आप कंप्यूटर में काम कर रहे हैं और आपके घर की पावर कट हो जाती है या सामान्य भाषा में लाइट चली जाती है तो ऐसे में जो आपका कंप्यूटर है वो बंद हो जाएगा और जो भी आप कंप्यूटर में काम कर रहे होंगे आप उसे सेव नहीं कर पाएंगे तो इससे आपका नुकसान हो सकता है ऐसे में जो UPS होता है ये आपके कंप्यूटर को कुछ देर के लिए पावर सप्लाई प्रदान करता है जिससे आपका अपने काम को सेव कर पाएं इसके अलावा यह आपके कंप्यूटर को पावर से भी बचाता है जैसे अगर आपके घर की पावर वोल्टेज एकदम से ज्यादा हो जाए तो अगर आपके पास UPS होगा तो आपके पीसी को इससे कोई नुकसान नहीं होगा है
HOW TO START COMPUTER
अब कंप्यूटर को स्टार्ट करना सीखते हैं

यदि आपके पास UPS उपलब्ध है तो -
सबसे पहले हमें अपने मॉनिटर और सीपीयू पावर कबेल को UPS से जोड़ना होगा उसके बाद UPS पावर कबेल को विद्धुत पावर बोर्ड से जोड़ना है फिर उसके बाद स्विच को ऑन कर देना है अब UPS को ऑन करने के लिए इसके फ्रंट में मौजूद पावर बटन को दबाना है अब आप देखेगे यह ऑन हो चुका होगा इसके बाद आपको कंप्यूटर कैबिनेट (CPU) के फ्रंट में दी गई पावर बटन को प्रेस करना है अब आपका कंप्युटर स्टार्ट हो चुका होगा
यदि आपके पास UPS उपलब्ध नहीं है तो -
सबसे पहले हमें अपने मॉनिटर और सीपीयू पावर कबेल को विद्धुत पावर बोर्ड से जोड़ना होगा फिर उसके बाद स्विच को ऑन कर देना है इसके बाद आपको कंप्यूटर कैबिनेट (CPU) के फ्रंट में दी गई पावर बटन को प्रेस करना है अब आप देख सकते हैं इसमें इंडिकेटर लाइट्स जल चुकी है तो इसका मतलब ये स्टार्ट हो चुका है
कंप्युटर मॉनिटर पावर कबेल को विद्धुत पावर बोर्ड से जोड़ कर स्विच को ऑन पर मानिटर स्वतः आन हो जाता है और यदि एसा नहीं होता है तो आप मॉनिटर मे दिए गए पावर बटन को दबाएगे कई मॉनिटर में यह पावर बटन पीछे की तरफ होता है और कई मानिटर में यह आगे की तरफ होता है अब आप देखेगे की मॉनिटर में लाइट जल चुकी है इसका मतलब यह भी आन हो चुका है इसके बाद कंप्यूटर की बूटिंग स्टार्ट होगी थोड़ा इंतजार करें और आप कंप्यूटर की होम स्क्रीन में पहुंच जाएंगे [ संगीत ]
डेस्कटॉप कंप्यूटर के ऑन होते ही सबसे पहली स्क्रीन आपको डेस्कटॉप शो होती है डेस्कटॉप की लेफ्ट साइड में आपको जो आइकंस दिखाई देगे इन्हें सॉफ्टवेयर आइकंस कहा जाता है यह आपके कंप्यूटर में मौजूद कुछ इंपोर्टेनट सॉफ्टवेयर के एक तरह से शॉर्टकट्स होते हैं जिनका उपयोग ज्यादातर किया जाता है
अतिरिक्त जानकारी
यदि आप कंप्युटर के बारे मे अधिक जानना चाहते है तो यह अतिरिक्त जानकारी पढ़ सकते है
कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है
तो आपको बता दे की Computer का Full Form होता है “Commonly Operated Machine Particularly Used in Technical and Educational Research” है।
कंप्यूटर कौन सा डिवाइस है?
एक इनपुट डिवाइस कंप्यूटर हार्डवेयर उपकरण का एक टुकड़ा है जिसका उपयोग कंप्यूटर या सूचना उपकरण जैसे सूचना प्रसंस्करण प्रणाली को डेटा और कंट्रोल सिग्नल प्रदान करने के लिए किया जाता है। इनपुट डिवाइस के उदाहरणों में कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, डिजिटल कैमरा और जॉयस्टिक शामिल हैं।
कंप्यूटर का आविष्कार कब और किस सन में हुआ था?
सबसे पहला Mechanical Computer को सन 1822 में Charles Babbage द्वारा आविष्कार किया गया था, लेकिन ये अभी के computer जैसा बिलकुल भी नहीं दिखता था.
वहीँ सन 1837 में, Charles Babbage ने पहला General Mechanical Computer, Propose किया जिसका नाम रखा Analytical Engine.
कम्प्यूटर के जनक कौन है?
एलन ट्यूरिंग को आधुनिक कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। उन्होंने ट्यूरिंग मशीन का आविष्कार किया जो एल्गोरिदम और संगणना की अवधारणा के लिए जिम्मेदार है। उनका जन्म 23 जून 1912 को इंग्लैंड में हुआ था।
सबसे पहला कंप्यूटर का नाम क्या था?
1945 में J. Presper Eckert और John Mauchly के द्वारा दुनिया का सबसे पहले Electronic Computer ENIAC (Electronic Numerical Integrator And Computer) का आविष्कार किया गया.
भारत का सबसे पहला कंप्यूटर का नाम क्या था?
1966 में भारत का पहला कंप्यूटर ISIJU विकसित किया गया। इस कंप्यूटर को दो संस्थाओं भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical Institute) और कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur University) ने मिल कर तैयार किया था। इसी कारण इसे ISIJU नाम दिया गया। ISIJU एक ट्रांजिस्टर युक्त कंप्यूटर था ।
कंप्यूटर के कितने प्रकार होते हैं?
कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के होते हैं। इन्हें आकार, उपयोग और डेटा को संसाधित करने के तरीके के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
कम्प्यूटर के प्रकार – आकार के आधार पर कंप्यूटर पर
कम्प्यूटर चार प्रकार के होते हैं —
1. सुपर कम्प्यूटर,
2. मेनफ्रेम कम्प्यूटर,
3. मिनी कम्प्यूटर,
4. माइक्रो कम्प्यूटर,
- सुपरकंप्यूटर: - ये सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर होते हैं, जिनका उपयोग जटिल वैज्ञानिक गणनाओं और मौसम पूर्वानुमान जैसे कार्यों के लिए किया जाता है।
- मेनफ्रेम कंप्यूटर: - ये बड़े, शक्तिशाली कंप्यूटर होते हैं, जिनका उपयोग बड़े संगठनों द्वारा बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित करने के लिए किया जाता है।
- मिनीकंप्यूटर: - ये मेनफ्रेम कंप्यूटरों से छोटे होते हैं और छोटे संगठनों द्वारा उपयोग किए जाते हैं।
- माइक्रो कंप्यूटर: - ये सबसे आम प्रकार के कंप्यूटर हैं, जिनमें डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन शामिल हैं।
उपयोग के आधार पर कंप्यूटर
- डेस्कटॉप कंप्यूटर: ये स्थिर कंप्यूटर होते हैं, जिनका उपयोग घरों और कार्यालयों में किया जाता है।
- लैपटॉप कंप्यूटर: ये पोर्टेबल कंप्यूटर होते हैं, जिन्हें आसानी से ले जाया जा सकता है।
- टैबलेट: ये छोटे, टचस्क्रीन डिवाइस होते हैं, जिनका उपयोग वेब ब्राउज़िंग, ईमेल और गेम खेलने के लिए किया जाता है।
- स्मार्टफोन: ये मोबाइल फोन होते हैं, जिनमें इंटरनेट कनेक्टिविटी और कई अन्य सुविधाएँ होती हैं।
- सर्वर: ये कंप्यूटर नेटवर्क पर डेटा और सेवाएं प्रदान करते हैं।
डेटा को संसाधित करने के तरीके के आधार पर कंप्यूटर
- एनालॉग कंप्यूटर: ये कंप्यूटर लगातार बदलते हुए भौतिक मात्राओं जैसे तापमान और दबाव को मापते हैं।
- डिजिटल कंप्यूटर: ये कंप्यूटर 0 और 1 के रूप में डेटा को संसाधित करते हैं।
- हाइब्रिड कंप्यूटर: ये कंप्यूटर एनालॉग और डिजिटल दोनों प्रकार के डेटा को संसाधित करते हैं।
अन्य प्रकार के कंप्यूटर
- वर्कस्टेशन: ये उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर होते हैं, जिनका उपयोग इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है।
- गेमिंग कंप्यूटर: ये उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर होते हैं, जिनका उपयोग वीडियो गेम खेलने के लिए किया जाता है
- वेअरेबल कंप्यूटर: ये कंप्यूटर शरीर पर पहने जाते हैं, जैसे स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर।
निष्कर्ष
इस अध्याय में हमने कंप्यूटर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कंप्यूटर आज के युग में एक आवश्यक उपकरण बन चुका है, जो हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कंप्यूटर की कार्यप्रणाली, घटक, विशेषताएँ, और पीढ़ियाँ सभी इसे समझने में महत्वपूर्ण हैं। यह ज्ञान न केवल तकनीकी कौशल में वृद्धि करता है, बल्कि हमारे कार्य और अध्ययन के तरीके में भी सकारात्मक बदलाव लाता है।
कंप्यूटर के बारे में यह संपूर्ण जानकारी आज की तकनीकी दुनिया में एक मजबूत आधार प्रदान करती है, और यह आवश्यक है कि हम इसे सही ढंग से समझें और इसका उपयोग करें।
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