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COMPUTER DEVICE'S

CHAPTER 02

COMPUTER DEVICE’S 







सबसे पहले हमने कंप्युटर के बारे मे जाना की कंप्युटर क्या है उसको चलाने के लिए किन किन डिवाइसो की आवश्यकता होती है फिर हमे कंप्युटर को चालू करना सीखा साथ ही कंप्युटर के मुख्य भाग CPU Monitor और कुछ बेसिक डिवाइसो जैस Keyboard Mouse के बारे में भी जाना परंतु वह केवल उसका ओवर विव था जो आपको परक्रिया को समझने के लिए बताया गया था । पर यदि आपको कंप्युटर का उपयोग अच्छे से करना है तो इनके बारे में आपको अच्छे से जानकारी होनी चाहिए। 

तो अब हम -इस चेपटेर मे कंप्युटर के बेसिक डिवाइस व फंगक्शन के बारे में जनेगे जो की कंप्युटर का उपयोग करने से पहले समझना जरूरी है जिसकी सहायता से आप कंप्युटर आसानी से चला सकते है

कंप्युटर का उपयोग करने के लिए मुख्यता 4 डिवाइस का होना आवश्यक है


1. CPU
2. Monitor 
3. Keyboard 
4. Mouse 

अब हम यह मुख्य 4 चार डिवाइस के बारे में विस्तार से जनेगे और इसका यूज कैसे करना है ये भी समझेंगे तो आइए शुरू करते है –


1. CPU

 









परिचय

हम इस अध्याय में CPU के बारे मे जनेगे साथ ही CPU के विभिन्न हिस्सों, जैसे कि कंट्रोल यूनिट और एरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU), के कार्यों को समझेंगे। इस विषय का ज्ञान न केवल कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उन सभी के लिए फायदेमंद है जो तकनीकी दुनिया में सक्रिय हैं।


CPU का परिचय  

कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में,  CPU ( सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट ) एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसे कंप्यूटर का “ब्रेन” माना जाता है। यह वो इकाई है जो उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए डेटा को प्रोसेस करता है, और विभिन्न गणितीय और तार्किक कार्यों को निष्पादित (execute) करता है। 

CPU के घटक

1. सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)
  • CPU का पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है।
  • इसे कंप्यूटर का “ब्रेन” कहा जाता है, जो डेटा प्रोसेसिंग के लिए जिम्मेदार होता है।
  • CPU उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए डेटा को प्रोसेस करता है और परिणाम उत्पन्न करता है।

2. कंट्रोल यूनिट

  • कंट्रोल यूनिट CPU का एक महत्वपूर्ण भाग है।
  • यह सभी कंप्यूटर ऑपरेशनों का प्रबंधन करता है और निर्देशों को निष्पादित करने में मदद करता है।
  • यह इनपुट और आउटपुट डिवाइस के बीच डेटा के प्रवाह को नियंत्रित करता है।

3. एरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU)

  • ALU CPU का एक अन्य महत्वपूर्ण घटक है, जो गणितीय और तार्किक संचालन करता है।
  • यह एडिशन, सब्सट्रैक्शन, मल्टीप्लिकेशन, और डिविजन जैसे गणितीय कार्यों को निष्पादित करता है।
  • इसके अलावा, ALU तार्किक कार्यों का भी संचालन करता है, जैसे कि तुलना और निर्णय लेना।

CPU की संरचना

  • CPU के मूलभूत दो भाग होते हैं: कंट्रोल यूनिट और एरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU)।
  • कई लोग CPU को तीन भागों में विभाजित करते हैं और स्टोरेज यूनिट को भी इसमें जोड़ते हैं, लेकिन यह सही नहीं है।
  • CPU का मूल स्वरूप सिर्फ दो भागों में सीमित रहता है - कंट्रोल यूनिट और ALU।

कार्य और उपयोग

  • CPU का मुख्य कार्य डेटा को प्रोसेस करना और आवश्यक निर्देशों का निष्पादन करना है।
  • यह कंप्यूटर के सभी कार्यों का समन्वय करता है और सुनिश्चित करता है कि सभी घटक सही ढंग से कार्य करें।
  • CPU की कार्यक्षमता कंप्यूटर की संपूर्ण कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है, इसलिए इसका सही ज्ञान आवश्यक है।

निष्कर्ष

इस अध्याय में, हमने CPU के बारे में मूलभूत जानकारी प्राप्त की। CPU, जिसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कहा जाता है, कंप्यूटर का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो डेटा को प्रोसेस करता है। इसके मुख्य दो घटक, कंट्रोल यूनिट और एरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU), सभी गणितीय और तार्किक कार्यों को निष्पादित करते हैं। इस ज्ञान का उपयोग संभावित लॉन्ग प्रश्न और शॉर्ट प्रश्न के उत्तर देने में किया जा सकता है।

उम्मीद है कि इस जानकारी के माध्यम से आप CPU के कार्य और संरचना को अच्छी तरह समझ पाएंगे और भविष्य में इस विषय पर अधिक जिज्ञासा बढ़ेगी। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया अपने दोस्तों के साथ साझा करें और हमारे Page को सब्सक्राइब करें।

 

2. Monitor




मॉनिटर: एक महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस

मॉनिटर जो कि कंप्यूटर सिस्टम का एक अभिन्न इनपुट डिवाइस है। मॉनिटर का कार्य CPU से प्राप्त जानकारी को एक दृश्य प्रारूप में प्रदर्शित करना है, जिससे उपयोगकर्ता कार्यों को आसानी से देख और समझ सके। मॉनिटर की अनुपस्थिति में कंप्यूटर की कार्यक्षमता अधूरी रह जाती है।

इस अध्याय में हम विभिन्न प्रकार के मॉनिटर्स, उनकी विशेषताएँ, और उनके उपयोग के बारे में जानते हैं।

मॉनिटर का महत्व

  • मॉनिटर कंप्यूटर के लिए एक आवश्यक उपकरण है, जो उपयोगकर्ता को कंप्यूटर की कार्यप्रणाली को देखने की अनुमति देता है।
  • बिना मॉनिटर के, कंप्यूटर का उपयोग करना असंभव है, क्योंकि यह जानकारी को दृश्य रूप में प्रस्तुत करता है।
  • यह विभिन्न प्रकार के डेटा, ग्राफिक्स, और वीडियो को प्रदर्शित करने की क्षमता रखता है।

मॉनिटर के प्रकार

1. CRT (कैथोड रे ट्यूब) मॉनिटर

  • CRT मॉनिटर पुराने तकनीकी मॉनिटर्स में से एक है, जो भौतिक रूप से भारी होता है।
  • यह तकनीक एक कैथोड रे ट्यूब का उपयोग करती है, जो इलेक्ट्रॉनों को एक स्क्रीन पर प्रक्षिप्त करता है।
  • इनकी छवि गुणवत्ता अच्छी होती थी, लेकिन आकार और वजन के कारण उपयोग में कठिनाई होती थी।

2. LCD (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले) मॉनिटर

  • LCD मॉनिटर हल्के और पतले होते हैं, जिन्हें आजकल अधिकतर घरों और कार्यालयों में उपयोग किया जाता है।
  • यह लिक्विड क्रिस्टल तकनीक का उपयोग करते हैं, जो कि छवि को बनाने के लिए बैकलाइट का उपयोग करता है।
  • LCD मॉनिटर ऊर्जा की खपत में भी अधिक कुशल होते हैं।

3. LED (लाइट एमिटिंग डायोड) मॉनिटर

  • LED मॉनिटर, LCD के एक प्रकार हैं, जो बैकलाइटिंग के लिए LED का उपयोग करते हैं।
  • यह उच्च गुणवत्ता वाली छवि और बेहतर रंग प्रदर्शन प्रदान करते हैं।
  • इनके आकार और ऊर्जा कुशलता के कारण, ये आजकल सबसे लोकप्रिय विकल्प बन गए हैं।

मॉनिटर का तकनीकी विकास

  • मॉनिटर तकनीक में समय के साथ काफी बदलाव आया है। LCD और LED तकनीक ने CRT मॉनिटर्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन और कम स्थान घेरने की क्षमता प्रदान की है।
  • इन तकनीकों के विकास ने उपयोगकर्ताओं को बेहतर दृश्य अनुभव और कार्य करने में आसानी प्रदान की है।

उपयोग के क्षेत्र

  • मॉनिटर्स का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि:
    • ऑफिस: डेटा प्रविष्टि, ग्राफिक्स डिज़ाइन, और प्रेजेंटेशन।
    • गृह उपयोग: मनोरंजन, गेमिंग, और अध्ययन।
    • शिक्षा: ऑनलाइन क्लासेस और शैक्षणिक सामग्री का अध्ययन।

निष्कर्ष

इस अध्याय में, हमने देखा कि मॉनिटर कंप्यूटर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उपयोगकर्ताओं को जानकारी को देखने और समझने में सहायता करता है। विभिन्न प्रकार के मॉनिटर्स जैसे CRTLCD, और LED ने तकनीकी विकास के साथ-साथ उनके उपयोग की सुविधा को भी बढ़ाया है। मॉनिटर न केवल कार्यक्षमता में सुधार लाते हैं, बल्कि उपयोगकर्ताओं के अनुभव को भी समृद्ध करते हैं।

मुख्य बिंदु

  • मॉनिटर का कार्य CPU से जानकारी को दृश्य प्रारूप में प्रस्तुत करना है।
  • विभिन्न प्रकार के मॉनिटर्स में CRT, LCD, और LED शामिल हैं।
  • तकनीकी विकास ने मॉनिटर्स की गुणवत्ता और उपयोगिता को बढ़ाया है।
  • मॉनिटर्स का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जो उनके महत्व को दर्शाता है।

यह अध्याय मॉनिटर की मूलभूत जानकारी और उनके विकास को संक्षेप में प्रस्तुत करता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंप्यूटर प्रणाली में मॉनिटर का क्या योगदान है। 

मॉनिटर का फुल फॉर्म क्या होता है?

मॉनिटर की फुल फॉर्म यह है Mass on newton is train on rat. प्रिंटर के तरह मोनीटर भी कंप्यूटर की आउटपुट डिवाइस है जो केबिल के जरिए सी पी यू से कनेक्ट रहता है।


  

3. Keyboard



परिचय

कंप्यूटर की दुनिया में, कीबोर्ड एक महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है, जो उपयोगकर्ताओं को अपने कंप्यूटर सिस्टम को निर्देश देने में मदद करता है। यह न केवल टाइपिंग का माध्यम है, बल्कि यह विभिन्न कार्यों को संचालित करने के लिए भी आवश्यक है। कीबोर्ड के बिना एक कंप्यूटर का संचालन करना लगभग असंभव है। इस अध्याय में हम कीबोर्ड के प्रकार, उसके विभिन्न कीज़ और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

कीबोर्ड क्या है?

कीबोर्ड एक उपकरण है, जिसका मुख्य कार्य उपयोगकर्ता द्वारा इनपुट देना है। यह कंप्यूटर के अन्य हिस्सों के साथ संवाद (Communication) करने का माध्यम है। इसमे कई तरह की KEYS होती है जैसे फंक्शन कीज़कंट्रोल कीज़अल्फाबेटिक कीज़नंबर कीज़, और नेविगेशन कीज़ ।

  • फंक्शन कीज़: F1 से F12 तक कीज, जो विशेष कार्यों के लिए उपयोग होती हैं।
  • कंट्रोल कीज़: जैसे कि Ctrl, Alt, और Windows की, जो अन्य कुंजियों के साथ मिलकर विशेष कार्य करते हैं।
  • अल्फाबेटिक कीज़: जिनमें A से Z तक के अक्षर शामिल हैं।
  • नंबर कीज़: 0 से 9 तक के संख्याएँ।
  • नेविगेशन कीज़: जैसे कि एरो कीज़ और होम/एंड कीज़, जो कर्सर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

कीबोर्ड के महत्वपूर्ण तत्व एवं उनके कार्य 

कीबोर्ड में कई महत्वपूर्ण तत्व होते हैं: जैसे -

  1. फंक्शन कीज़ (F1-F12): ये कीज़ विशेष कार्यों के लिए निर्धारित हैं, जैसे कि F1 अक्सर सहायता के लिए उपयोग होती है।
  2. कंट्रोल कीज़: ये कीज़ अन्य कीज़ के साथ मिलकर विशेष कमांड देने में सहायक होती हैं, जैसे Ctrl+C (कॉपी) और Ctrl+V (पेस्ट)।
  3. अल्फाबेटिक और नंबर कीज़: ये कीज़ टाइपिंग के लिए आवश्यक हैं, जिनमें A-Z और 0-9 शामिल हैं।
  4. नेविगेशन कीज़: ये कीज़ कर्सर को स्थानांतरित करने में मदद करती हैं, जैसे एरो कीज़।
  5. इंडिकेटर लाइट्स: ये लाइट्स कीबोर्ड की स्थिति को दर्शाती हैं, जैसे Caps Lock, Num Lock, और Scroll Lock।

कीबोर्ड का उपयोग

कीबोर्ड का उपयोग कई कार्यों के लिए किया जाता है, जिसमें टाइपिंग, डेटा एंट्री, और कंप्यूटर की अन्य कार्यों को नियंत्रित करने के लिए शामिल हैं।

  • टाइपिंग: कीबोर्ड के माध्यम से टेक्स्ट लिखना।
  • कमांड देना: कीबोर्ड का उपयोग करके विभिन्न एप्लिकेशनों में कमांड देना।
  • नेविगेशन: विभिन्न फाइलों और प्रोग्रामों के बीच नेविगेट करना।

महत्वपूर्ण कीज़ ( KEYS ) 

  • कीबोर्ड: एक इनपुट डिवाइस, जो सूचना देने के लिए आवश्यक है।

कीबोर्ड में कई महत्वपूर्ण कीज़ होती हैं, जिनका उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:

  • स्पेस बार: यह सबसे बड़ा बटन होता है, जिसका उपयोग स्पेस डालने के लिए किया जाता है।
  • एंटर की: यह कीज़ नए लाइन में जाने के लिए उपयोग होती है।
  • डिलीट और बैकस्पेस कीज़: डिलीट की आगे के करेक्टर को हटाती है, जबकि बैकस्पेस पिछले करेक्टर को हटाती है।
  • फंक्शन कीज़: विशेष कार्यों के लिए उपयोग होती हैं।
  • कंट्रोल कीज़: अन्य कीज़ के साथ मिलकर कार्य करती हैं।
  • अल्फाबेटिक और नंबर कीज़: टाइपिंग के लिए आवश्यक हैं।
  • स्पेस बार और एंटर की: डेटा को व्यवस्थित करने में सहायक होती हैं।
  • वास्तविक उदाहरण: ऑफिस, प्रोग्रामिंग, और गेमिंग में उपयोग।

वास्तविक उदाहरण

कीबोर्ड का प्रयोग कैसे किया जाता है, इसे समझने के लिए कुछ वास्तविक उदाहरण देख सकते हैं:

  1. ऑफिस में उपयोग: जब कोई व्यक्ति रिपोर्ट लिखता है, तो वह कीबोर्ड का उपयोग करके डेटा टाइप करता है।
  2. प्रोग्रामिंग: प्रोग्रामर्स कीबोर्ड का उपयोग कोड लिखने के लिए करते हैं, जहां प्रत्येक कीज़ एक विशेष फंक्शन को दर्शाती है।
  3. गेमिंग: गेमर्स कीबोर्ड का उपयोग गेम खेलते समय विभिन्न बटन दबाकर करते हैं, जो गेम में क्रियाएँ नियंत्रित करते हैं।

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कीबोर्ड: एक संपूर्ण मार्गदर्शिका

अब तक हमने कीबोर्ड की सामान्य जानकारी देखी अब हम कीबोर्ड के बारे में विस्तार पढ़ेंगे - 

दोस्तों मैं आपसे सवाल करूं कि क्या आपको इसके सारे Keys  का यूज आता हैतो जवाब होगा नहीं क्योंकि मैक्सिमम टाइम यह होता है कि कीबोर्ड में कई सारे बटन्स जो हैं उनका यूज अलग-अलग जगह पर अलग-अलग काम के लिए किया जाता है। तो हम आज आपको वह सभी चीज सीखने वाले हैं कि हर एक Keys   का क्या यूज होता है और उसका यूज कहा होता है 



सबसे पहले हम बात करते हैं बेसिक ऑफ कीबोर्ड की जिसमें हम सबसे पहली बात करेंगे इन्वेंशन कि की Keyboard किसने ओर कब बनाया । तो दोस्तों जो कीबोर्ड है वह एक साइंटिस्ट ने इन्वेंट किया था। जिनका नाम था क्रिस्टोफर एडम्स जिन्होंने 6467 में इसका इन्वेंशन किया यानी कि कीबोर्ड बनाया था । क्रिस्टोफर लैथमसोर्स । इसके बाद हम बात करेंगे स्टैंडर्ड कीबोर्ड कि जो कीबोर्ड आप आम तौर पर देखते हैं उसे स्टैंडर्ड कीबोर्ड बोलते हैं उसमें कुल मिलाकर 104 Keys होती है। इसके अलावा भी अन्य टाइप के Keyboard मार्केट में उपलब्ध उन्मे यह संख्या कम या ज्यादा हो सकती है 

इसके बाद हम आते हैं की कीबोर्ड का यूज हम किस लिए करते है तो जैसा की आपको यह  पता होगा की कीबोर्ड का यूज हम कंप्यूटर में डेटा इनपुट करने के लिए करते है । दोस्तों अगर आप अपने कीबोर्ड को देखें तो यहां पर बहुत सारी क Keys   है जिनके ऊपर कुछ ना कुछ लिखा हुआ है अगर आप किसी बटन को प्रेस करते है तो जो भी इस पर लिखा हुआ है वह स्क्रीन पर प्रिंट हो जाएगा । आप अब देखेंगे की कीबोर्ड में कई तरीके के Keys दी हुई है यह सभी अलग-अलग टाइप की Keys होते है जैसे अल्फाबेट्स Keys नंबरिक Keys जिसका यूज उपयोग अनुसार अलग-अलग जगह पर अलग-अलग कार्य के लिए किया जाता है

अब हम देखेंगे टाइप्स ऑफ बेसिक कीबोर्ड  KEYS


Types of Keys in Keyboard

टाइप्स ऑफ कीज़ इन कीबोर्ड

नॉर्मली कीबोर्ड में 6 टाइप्स की Keys  पाई जाती है

1. Alphabets Keys अल्फाबेट्स कीज़

2. Number Keys नंबर कीज़

3. Function Keys फंक्शन कीज़

4. Home Keys होम कीज़

5. Navigation Keys नेविगेशन कीज़

6. Special Characters and Control Keys स्पेशल कैरेक्टर्स एंड कंट्रोल कीज़

     

    अब हम कीबोर्ड को अच्छे से देखते है की कौन सी Key कहा होती है सबसे पहले आपको ए टू जेड तक के Keys   दिखाई देगी इन Keys   को बोला जाता है अल्फाबेट Keys  इसके ऊपर में आपको  1 2 3 वाली रओ दिखाई देगी इसे Number Keys नंबर कीज़ कहा जाता है उसके बाद आपको उसके ऊपर F1 से लेकर F12 तक की Keys दिखाई देगी इनको बोला जाता है फंक्शनल कीज़ । इसके बाद हम राइट हैंड साइड पर चलते हैं जहां पर आपको दिख रही होंगी इंसर्ट होमपेज अपडाउन एंड और डिलीट Keys  । यह जो छह Keys   होती हैंइनको बोला जाता है होम कीज़ Home Keys   इसके जस्ट आप नीचे आओगे तो आपको यहां पर एरों Keys  दिखाई देगी जिसमें की डाउन एरो की अप एरो की या फिर आप को यहां पर लेफ्ट एरो की या राइट एरो की यह दिख रहे होंगे। ये जो चार Keys   है। तो इन Keys को बोला जाता है नेविगेशन Keys  । इसके राइट साइड में आप देखो तो यहां पर आपको नम लॉक से स्टार्ट होती हुई दिखाई देगी और एंटर पर फिनिश हो रही है। जहां पर आपको एक से लेकर नौ तक के Keys   दिख रहे हैं। तो दोस्तों इन Keys   को बोलते हैं नंबर पैड Keys  । इसके बाद यहां पर कुछ और भी Keys  होते हैं। जब आप ऊपर आएंगे तो आप देखेंगे यहां पर यहां पर आपको प्रिंट स्क्रीन करके Key है। स्क्रोल लॉक हैपॉस ब्रेक है। इसके बाद आपको कंट्रोल अल्ट विंडो यह Keys   दिख रही है तो इन Keys   को बोला जाता है। कंट्रोल Keys   क्योंकि यह जो Keys  है आपके सिस्टम में यह कुछ चीज को या कुछ एक्शंस को कंट्रोल करने का काम करते हैं इसलिए इन्हें कंट्रोल Keys   बोलते हैं। बैकस्पेस की बात करें यहां पर आपका बैकस्पेस Key भी दिखाई देगी जिससे आप जो भी आपने लिखा है अगर आप उसे मिटाना या हटाना [ इरेज ]  करना चाहते हैं तो आप उसके लिए बैकस्पेस का यूज करते हैं। एंटर की बात करें तो इसका यूज नेक्स्ट लाइन में जाने के लिए किया जाता हैं। स्पेशल कैरेक्टर्स की। जैसे की आप यहां दिख रहा है एक के ऊपर एक्सप्लेनेशन मार्क हैदो के ऊपर रेट का साइन हैतीन के ऊपर हैश है नीचे आप आएंगे यहां पर L के साइड में आप देखेंगे कॉलम है सेमी कोलन हैलेटेर देन हैग्रेटर देन हैक्वेश्चन मार्क हैस्लैश है तो यह जो Keys   होते है यह स्पेशल कैरेक्टर Keys   होते है




    Types of Keys in Keyboard and Use

    टाइप्स ऑफ कीज़ इन कीबोर्ड एंड यूज


     

    1.     Alphabets Keys अल्फाबेट्स कीज़

     

    अल्फाबेट्स कीज़ इसके बारे में आप बहुत अच्छे से जानते होंगे यह ए टू जेड  [ A to Z ] तक की कीज़ होती है आपको पता होगा की इनका यूज कैसे करना है अगर हम इन मे से किसी भी बटन को प्रेस करते है तो जो भी इस पर लिखा हुआ है वह स्क्रीन पर प्रिंट हो जाएगा।

    2.     Number Keys नंबर कीज़

    फिर हम बात करे 1 2 3 वाली रओ की तो इनको बोला जाता है Number Keys नंबर कीज़ इनका यूज भी आपको पता होगा कि अगर हम इनको क्लिक करते है तो वह भी हमारी स्क्रीन पर शो हो जाएगा।

     

    3.     Function Keys फंक्शन कीज़

     

    आप 1 2 3 वाली रओ के ऊपर देखें तो यहां पर आपको F1 से लेकर F12 तक Keys दिखाई देगी । इन्हें बोलते क्या हैआखिर, इनका यूज क्या होता हैइसमें आप थोड़ा कंफ्यूज हो जाते होंगे। तो सबसे पहले तो इनको बोलते क्या है ये समझते हैं फिर इसका यूज समझेंगे। तो दोस्तों ये जो F1 से लेकर F12 तक Keys होते हैं इनको बोला जाता है फंक्शनल कीज़ ।

    अब हम देखेंगे –

     

    कंप्यूटर में F1 से F12 तक की कीज़ का उपयोग

     

    कंप्यूटर कीबोर्ड में F1 से F12 तक की कीज़ को फंक्शन कीज़ कहते हैं। इनका यूज किसी स्पेशल कार्य को करने के लिए किया जाता है इन कीज़ का उपयोग विभिन्न सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकता है 

     

    इसके सामान्य उपयोग इस प्रकार हैं ।

     

    F1 -  इसका यूज आम तौर पर किसी भी विंडो में सहायता मेनू (पेज; टेब; विंडो) ओपन करने के लिए किया जाता है

    F2 -  इसका यूज किसी भी फ़ाइल या फोल्डर के नाम को बदलने करने के लिए किया जाता है

    F3 -  खोज करने के लिए इस्तेमाल होती है।

    F4 -  माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में इस Key को प्रेस करने पर पिछला काम रिपीट हो जाता है

    F5 -  किसी पेज को रिफ्रेश करने के लिए इस्तेमाल होती है।  

    F6 -  विंडोज में खुले फोल्डर्स के कंटेंट दिखाने के लिए।  

    F7 -  माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में स्पेलिंग चेक करने के लिए।

    F8 -  सेफ मोड में कंप्यूटर को स्टार्ट करने के लिए (कुछ कंप्यूटरों में) ।

    F9 -  कैलकुलेटर खोलने के लिए (कुछ कंप्यूटरों में) ।

    F10 -   मेनू बार पर फोकस करने के लिए।

    F11 -   फुल स्क्रीन मोड में जाने के लिए इस्तेमाल होती है।

    F12 -   सेव एज़ ऑप्शन खोलने के लिए इस्तेमाल होती है।

     

    ध्यान देने योग्य बाते -

     * इन कीज का उपयोग सॉफ्टवेयर के आधार पर बदल सकता है।

     * कुछ कीज का उपयोग अन्य कीज के साथ मिलकर किया जाता है (जैसे Ctrl+F1, Alt+F4) 

     * लैपटॉप में इन कीज के फंक्शन बदलने के लिए एक अतिरिक्त फंक्शन की होती है।

     

     

    4.     Home Keys होम कीज़

     

    हम अपने कीबोर्ड के राइट हैंड साइड पर देखे तो आपको वाहा पर इंसर्ट, होम, पेज अप, पेज डाउन, एंड और डिलीट। दिख रही होंगी यह जो छह Keys   होती हैंइनको बोला जाता है होम Keys  

    1.       Insert Key

    जब इन्सर्ट मोड चालू होता हैतो आपके द्वारा टाइप किया गया टेक्स्ट कर्सर पर डाला जाता है। जब इन्सर्ट मोड बंद होता हैतो आपके द्वारा टाइप किया गया टेक्स्ट मौजूदा अक्षरों को बदल देता है।

    2.       Delete Key

    सका उपयोग आमतौर पर कर्सर के आगे या नीचे के वर्ण को हटाने के लिए किया जाता है।

    वर्तमान में चयनित ऑब्जेक्ट को हटाने के लिए

    3.       Home Key

    हो

     म की का इस्तेमाल कर्सर को उस पंक्ति की शुरुआत में ले जाने के लिए किया जाता है जहां कर्सर है

    होम कुंजी का उपयोग दस्तावेज़ के आरंभ में लौटने के लिए किया जाता है

    4.       End Key

    कंप्यूटर कीबोर्ड पर एंड कुंजी का उपयोग कर्सर या सम्मिलन बिंदु को किसी पंक्ति या दस्तावेज़ के अंत में ले जाने के लिए किया जाता है 

    5.       Page Up Key

    कीबोर्ड की पेज अप (Page Up) कुंजी का इस्तेमालदस्तावेज़ों में ऊपर की ओर स्क्रॉल करने के लिए किया जाता है

    6.       Page Down Key

    कंप्यूटर मेंपेज डाउन की का इस्तेमाल कर्सर को एक स्क्रीन नीचे ले जाने के लिए किया जाता है


    5.     Navigation Keys नेविगेशन कीज़ ⬆⬇

     होम Keys आप इसके जस्ट नीचे देखोगे तो आपको यहां पर Arrows Keys (एरों)  दिखाई देगी जिसमें आपको डाउन एरो ( Down Arrow ) [  ] Keyअप एरों Up Arrow [ ⬆  Key फिर आपको यहां पर लेफ्ट एरो की या राइट एरो की यह दिख रहे होंगे। ये जो चार Keys  है इनको ही नेविगेशन Keys  बोला जाता है ।

    कीबोर्ड की नेविगेशन कुंजियों का इस्तेमालस्क्रीन पर कर्सर को इधर-उधर घुमानेदस्तावेज़ों और वेबपेजों में नेविगेट करनेऔर टेक्स्ट को संपादित करने के लिए किया जाता है

     


    Number Pad Keys नंबर पैड कीज़


     

    Navigation Keys के राइट साइड में आप देखो तो यहां पर आपको नम लॉक से स्टार्ट होती हुई Keys दिखाई देगी और एंटर पर फिनिश हो रही है। जहां पर आपको एक से लेकर नौ तक के Keys दिख रहे हैं। तो दोस्तों इन Keys को बोलते हैं नंबर पैड Keys 

    इनका यूज सामान्य नंबर कीज की तरह ही किया जाता है

     

    6.     Special Character Keys स्पेशल कैरेक्टर कीज़


    कंट्रोल Key इसके ही अंदर में आपको यहां पर एक और टाइप की Key  मिलेगी वो है स्पेशल कैरेक्टर Key । जैसे की आप कीबोर्ड में देखेंगे एक के ऊपर एक्सप्लेनेशन मार्क हैदो के ऊपर रेट का साइन हैतीन के ऊपर हैश है आप नीचे आएंगे तो यहां पर L के साइड में आप देखेंगे कोलन है सेमी कोलन हैलेटर देन हैग्रेटर देन हैक्वेश्चन मार्क हैस्लैश है तो यह जो होते है इन्हें स्पेशल कैरेक्टर Keys  कहते है इनका यूज हम शिफ्ट बटन के साथ कर सकते है 


    Control Keys कंट्रोल कीज़


    इसके बाद यहां पर कुछ और भी Keys   होते हैं। जब आप ऊपर आएंगे तो आप देखेंगे यहां पर यहां पर आपको प्रिंट स्क्रीन करके Key  है। स्क्रोल लॉक हैपोस ब्रेक है। इसके बाद आपको कंट्रोल आल्ट विंडो यह Keys   दिख रही है तो इन Keys   को बोला जाता है। दोस्तों कंट्रोल Keys क्योंकि यह जो Keys  है आपके सिस्टम में यह कुछ चीज को या कुछ एक्शंस को कंट्रोल करने का काम करते हैं इसलिए इन्हें कंट्रोल Keys   बोलते हैं।

     

    तो आई होप टाइप्स ऑफ Keys   इन कीबोर्ड आपको क्लियर हो गया हो की यहां पर अलग-अलग टाइप की जो चीज है उनको बोलते क्या हैं।

     

    बात करें इंटर बटन की तो नेक्स्ट लाइन में जाने के लिए एंटर का यूज करते हैं।

    अब हम याहा देखे तो इसी तरह से यहां पर बहुत सारे Keys   हैं जैसे एस्केप Key है इसका क्या यूज है टैब की है इसका क्या? कैप्स का क्यायूज है शिफ्ट काकंट्रोल काहोम का नेविगेशन कि इनका यूज क्या है और इन्हें कैसे यूज करना है।

     

    तो दोस्तों अब हम सीखेंगे कि इनका यूज कैसे करना है।

     

    तो चलिए शुरू करते हैं। तो दोस्तों सबसे पहले हम बेसिक Keys  से स्टार्ट करेंगे जिसकी जरूरत। हमें सबसे ज्यादा पड़ती है।

     

    1.  Enter Key एंटर बटन - इंटर बटन हम इसे एक एग्जांपल के द्वारा सीखेंगे जैसे हम कीबोर्ड से टाइप करते है Hello Dear ठीक है अब हमें उसके नीचे लिखना है कैसे हो दोस्तों आप लोग तो इसके लिए आप क्या करेंगे आपको इंटर वाला बटन दबाना होगा यह बटन हमें किसी पेज में न्यू लाइन देने या फिर ओके करने का कार्य करता है । तो यह जो इंटर वाली Key है इस पर आप क्लिक करेंगे तो आप देखेंगे आपका कर्सर नेक्स्ट लाइन में ट्रांसफर हो जाएगा। याहा हमारा कर्सर  जो की हमें बता रहा है की हमें यहां से लिखना है तो हम यह लिख सकते है कैसे हैं आप लोग। ओके।


    2.     Backspace Key बैकस्पेस बटन - आपके कीबोर्ड में आपको एक बैकस्पेस के Key दिखाई देगी बैकस्पेस बटन जो जस्ट इंटर के थोड़ा सा ऊपर होता है इसका उपयोग आप जो भी आपने लिखा है अगर आप उसे इरेज करना चाहते हैं तो तब आप उसके लिए बैकस्पेस का यूज करते हैं। अब हमने इससे पहले जो न्यू लाइन बनाई थी वह काटनी है। तो यहां पर आपको बैकस्पेस बटन जो जस्ट इंटर के थोड़ा सा ऊपर है तो आप इसको दबायेगे के रखें ।आप देखेंगे जो भी आपने लिखा हुआ है वह इरेज हो जाएगा।


    3.     Escape Button एस्केप बटन - सबसे टॉप में आपको जो Key मिलेगी वह होती है एस्केप Key तो उसके ऊपर आपको Esc देखने मिलेगा यह यूज होता है। दोस्तों जब भी कोई ऑप्शन आपके स्क्रीन पर तो उस ऑप्शन को हटाने के लिए हम एस्केप की का यूज करते हैं।

            एग्जांपल के लिए अगर हम राइट क्लिक करे तो राइट क्लिक करने से यह ऑप्शन आ            जायेंगे । अब हमे यह ऑप्शन हटाना है। और यहां पर हटाने का कोई सिंबल नहीं दिया हुआ         तो हम सीधा एस्केप बटन पर क्लिक करेंगे तो यह ऑप्शन हट जाएगा।


    4.   Tab Button टैब बटन - बात करे टैब बटन की तो यह स्पेस की तरह ही होता पर यह टैब बटन स्पेस बटन से अलग कैसे है देखते है स्पेस बटन का यूज क्या है कि स्पेस बटन दबाने से कर्सर एक-एक स्पेस दे कर आगे बड़ रहा है परंतु यदि हम टैब बटन को दबाते है तो इससे एक साथ 5 स्पेस दिए जाते है तो ज्यादा स्पेस देने के लिए हम टैब बटन का यूज करते हैं।

    5.     Caps Lock Button कैप्स लॉक बटन इसके बाद दोस्तों नेक्स्ट बात करते हैं यहां पर कैप्स लॉक की। देखिए दोस्तों कि कैप्स लॉक की क्या होता है कि जब भी आप कुछ भी लिखते हो तो एग्जांपल के लिए हम यहां पर लिख देते है । राहुल तो आप देखेंगे कि राहुल अभी स्मॉल लेटर में आ रहा है अब हम कैप्स लॉक आन करते है और लिखते है राहुल तो अब आप देखेंगे यह कैपिटल लेटर में आ रहा है तो कैप्स लॉक बटन जैसे आप क्लिक करेंगे। तो जितने भी आपके अल्फाबेट Keys हैवह सब कैपिटल लेटर में आएंगे यदि हमे लगातार कैपिटल लेटर ( बड़े अक्षरों ) में लिखना हो तब कैप्स लॉक बटन का उपयोग किया जाता है । ओर यदि हमे किसी शब्द में एक या दो ही बड़े अक्षरों ( कैपिटल लेटर ) आवश्यकता है तो यह पर शिफ्ट का उपयोग करते है 


    6.     Shift Button शिफ्ट बटन इसके बाद बात करते है शिफ्ट की की। तो दोस्तो आपने नोटिस किया होगा की आपका जो कीबोर्ड है जिसमें 1 2 3 से लेकर 0 जीरो तक है तो वहां पर हर एक के ऊपर एक जो है स्पेशल कैरेक्टर है। उस स्पेशल कैरेक्टर को प्रिंट कराने के लिए हम शिफ्ट बटन का यूज करते हैं।


        Example अब देखिए मैं यहां पर वन लिख रहा हूं। टू लिख रहा हूं तो वन तू आ रहा है लेकिन जब मैं शिफ्ट को होल्ड कर दूंगाआपको क्या करना है? एक उंगली से शिफ्ट को दबा के रखना है और तब उस Key को दबाना है। यहां पर देखिए मैं टू दबा रहा हूं यहां पर शिफ्ट मैंने होल्ड कर दिया। देखिए यहां पे होल्ड हो गया और अब मैं ये दबा रहा हूं तो ये आ रहा है। तो जितने भी आपके कीबोर्ड पर जो अल्टरनेट ऑप्शन है यानी टू पे अल्टरनेट ऑप्शन क्या @ एट द रेट । थ्री अल्टरनेट ऑप्शन क्या हैतो उस ऑप्शन को लेने के लिए हम शिफ्ट की का यूज करते हैं।

     

    कंट्रोल बटन - विंडो बटन - ऑल्ट बटन ।

     

    यह तीनों कुंजियों की विशेषताये


    1.   यह स्पेसबार के दोनों ओर स्थित है।

    2.   इसका उपयोग सॉफ्टवेयर व अनुप्रयोगों के अनुसार अलग-अलग हो सकते है

    3.   यह एक कीबोर्ड संशोधक कुंजी है जो अन्य कुंजियों के साथ संयोजन में दबाने पर विशिष्ट क्रियाएं निष्पादित करती है

    4.  सामान्य कार्यों को शीघ्रता से करने के लिए उपयोग किया जा सकता है

     

    1.       कंट्रोल बटन – हमने आपको बताया था कुछ Keys  अलग एक्शन के लिए परफॉर्म होते है। जिसमें से एक कंट्रोल बटन ( Ctrl Button ) भी है इसका उपयोग सॉफ्टवेयर व अनुप्रयोगों के अनुसार अलग-अलग हो सकते है इसे हम एक एमएस वर्ड के उद्धरण से समझते है एग्जांपल के लिए आपको एमएस वर्ड में किसी पैराग्राफ को एक ही बार में पूरा सिलेक्ट करना है तो आपको यहां पर कंट्रोल को होल्ड करके A बटन को प्रेस करना होगा तो आप देखेंगे सारा का सारा सिलेक्ट हो गया तो इस तरह से कंट्रोल की का यूज किया जाता है ओर वो इस तरह कार्य करती है।

     

    Ctrl कुंजी के कुछ उदाहरण

      

    ·         Ctrl + C - चयनित आइटम की प्रतिलिपि बनाता है

    ·         Ctrl + X - चयनित आइटम को काटता है

    ·         Ctrl + V - चयनित आइटम चिपकाता है

    ·         Ctrl + Z - किसी कार्य को पूर्ववत करता है

    ·         Ctrl + O - दस्तावेज़ खोलता है

    ·         Ctrl + N - एक नया दस्तावेज़ बनाता है

    ·         Ctrl + S - दस्तावेज़ सहेजता है

    ·         Ctrl + W - दस्तावेज़ बंद करता है

    ·         Ctrl + F9 - वर्तमान विंडो को छोटा करता है

     

    2.       विंडो बटन विंडोज कुंजी पीसी कीबोर्ड पर एक फ़ंक्शन कुंजी है जिसका उपयोग स्टार्ट मेनू खोलने या शॉर्टकट करने के लिए किया जा सकता है । इसका प्रयोग अकेले या अन्य कुंजियों के साथ संयोजन में किया जा सकता है इसका भी उपयोग सॉफ्टवेयर व अनुप्रयोगों के अनुसार अलग-अलग हो सकते है अब हम विंडो बटन की बात करें तो अगर आप विंडो को होल्ड करते हैं। यानी एक उंगली से दबाना है और दूसरी उंगली से क्या करना है। डी को दबाना है तो आप देखेंगे विंडो मिनीमाइज हो जाएगी ।

    अब इसको दोबारा खोलने के लिए आपको टास्कबार से उस टेब में दोबारा क्लिक करना होगा


    विंडोज़ कुंजी के कुछ उदाहरण

       

    ·         विंडोज़ कुंजी + A : Windows 11 एक्शन सेंटर खोलता है

    ·         विंडोज़ कुंजी + Alt + B : उच्च गतिशील रेंज (HDR) को चालू या बंद करता है

    ·         विंडोज़ कुंजी + Alt + D : डेस्कटॉप पर दिनांक और समय प्रदर्शित और छुपाता है

    ·         विंडोज़ कुंजी + F : फीडबैक हब का शुभारंभ

    ·         विंडोज़ कुंजी + R : रन संवाद बॉक्स खोलता है

    ·         विंडोज़ कुंजी + Tab : कार्य दृश्य खोलता है

    ·         विंडोज़ कुंजी + ऊपर तीर : सक्रिय विंडो को अधिकतम करता है

    ·         विंडोज़ कुंजी + X : त्वरित लिंक मेनू खोलता है

    ·         विंडोज़ कुंजी + L : आपके पीसी को लॉक करता है

     

    3.       ऑल्ट बटन । Alt कुंजी कंप्यूटर कीबोर्ड पर एक संशोधक कुंजी है जो एक साथ दबाने पर अन्य कुंजियों के कार्य को बदल देती है। यह स्पेसबार के दोनों ओर स्थित है। ऑल्ट कुछ सामान्य उपयोग

    ·         Alt + Tab - खुली हुई विंडो या अनुप्रयोगों के बीच स्विच करता है  

    ·         Alt + F4 - सक्रिय विंडो को बंद करता है या किसी एप्लिकेशन से बाहर निकलता है

    ·         Alt Ctrl + Dele - विंडोज सिस्टम पर टास्क मैनेजर लाता है  

    ·         Alt + Print Screen - वर्तमान में सक्रिय विंडो का स्क्रीनशॉट कैप्चर करता है  

    ·         Alt + Microsoft Excel में स्टाइल विंडो खोलता है  

     


    1. Num Lock नम लॉक 

    कीबोर्ड पर मौजूद Num Lock कुंजी का इस्तेमालमुख्य कीबोर्ड के अक्षरों के बजाय संख्यात्मक कीपैड के रूप में काम करने के लिए किया जाता है. Num Lock कुंजी को ऑन करने के बाद, 7-8-9 कुंजियों का इस्तेमाल संख्यात्मक कीपैड की तरह किया जा सकता है

    • Note – जब Num Lock कुंजी चालू होती हैतो कीबोर्ड के ऊपर की ओर एक LED लाइट जलने लगती है.
    • जब Num Lock कुंजी बंद होती हैतो कीबोर्ड के ऊपर की ओर की LED लाइट बंद हो जाती है.
    2. Print Screen प्रिन्ट स्क्रीन

      प्रिंट स्क्रीन कुंजी का इस्तेमाल करने सेकंप्यूटर की पूरी स्क्रीन की छवि कैप्चर हो जाती है और इसे क्लिपबोर्ड पर कॉपी किया जाता हैइसके बादइस छवि को किसी दस्तावेज़ईमेलया अन्य फ़ाइल में पेस्ट किया जा सकता है

      3. Scroll Lock स्क्रॉल लॉक

        स्क्रॉल लॉक का इस्तेमालगलती से पेज को हिलाए या स्क्रॉल किए बिना तीर कुंजियों का इस्तेमाल करके किसी भी दस्तावेज़ को नेविगेट करने के लिए किया जाता है

        4. Pause Break पाऊस ब्रेक

          पॉज़ कुंजी को आमतौर पर आधुनिक कीबोर्ड पर एक कुंजी पर ब्रेक फ़ंक्शन के साथ जोड़ा जाता है। इसका उपयोग कमांडगेम या अन्य ऑपरेशन रोकने जैसी कुछ क्रियाएं करने के लिए किया जाता है

          कीबोर्ड पर पॉज़-ब्रेक कुंजी का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है:

          गेम को रोकने के लिए

          कमांड प्रॉम्प्ट या पॉवरशेल का इस्तेमाल करते समय स्क्रीन को रोकने के लिए

          किसी पते को पिंग करते समयआउटपुट के लिए CTRL + Break दबाने के लिए

          विंडोज की + पॉज़ को दबाने पर कंट्रोल पैनल की सिस्टम प्रॉपर्टीज़ खुल जाती हैं

          आम तौर परकीबोर्ड के ऊपरी दाएं कोने में, "स्क्रॉल लॉक" और "नंबर लॉक" कुंजियों के पास पॉज़-ब्रेक कुंजी होती है. हालांकिकई लैपटॉप और कॉम्पैक्ट कीबोर्ड में केवल पॉज़ बटन होता है. अगर आपके कीबोर्ड में पॉज़-ब्रेक कुंजी नहीं हैतो आप कुछ कुंजी संयोजन का इस्तेमाल करके इसकी कार्य क्षमता का अनुकरण कर सकते हैं. जैसे कि, Ctrl+Pause या Ctrl+Fn+Pause दबाने से समतुल्य इंटरप्ट सिग्नल उत्पन्न हो सकता है

          निष्कर्ष

          इस अध्याय से यह स्पष्ट होता है कि कीबोर्ड केवल एक साधारण उपकरण नहीं है, बल्कि यह कंप्यूटर प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका सही उपयोग करना सिखना आवश्यक है, ताकि हम अपने कंप्यूटर का अधिकतम लाभ उठा सकें। कीबोर्ड की संरचना, विभिन्न कीज़ और उनके कार्यों को समझने से उपयोगकर्ता अधिक प्रभावी तरीके से कंप्यूटर का उपयोग कर सकता है।

          इस प्रकार, कीबोर्ड एक अनिवार्य उपकरण है, जिसका ज्ञान सभी कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं के लिए आवश्यक है। इस अध्याय में चर्चा की गई जानकारी से, उपयोगकर्ता न केवल कीबोर्ड के विभिन्न पहलुओं को समझेंगे बल्कि इसके कुशल उपयोग के लिए भी तैयार होंगे।


          अतिरिक्त जानकारी

          KEYBORD  

          इनपुट डिवाइस एक उपकरण है जो कंप्यूटर को इनपुट प्रदान करता है । की-बोर्ड सबसे अधिक प्रचलित इनपुट उपकरणों में से एक है जिसका प्रयोग कंप्यूटर में आंकड़े डालने और निर्देश देने के लिए किया जाता है । किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के लिए एक keyboard सबसे मौलिक इनपुट डिवाइस है । 

           ... Keyboard का हिंदी में मतलब कुंजीपटल होता है ।

          अंग्रेजी का शब्द Keyboard हिंदी भाषा में इसके देवनागरी स्वरूप 'कीबोर्डको ही सामान्य बोलचाल एवं लेखन में बहुतायत प्रयोग में लिया जाता हैं। कुछ एक जगहों में keyboard शब्द के हिंदी रूपांतरण के रूप में 'कुंजीपटलशब्द का प्रयोग लेखन में किया जाता हैं। अत keyboard को हिंदी में 'कुंजीपटलकहतें हैं। 

          कीबोर्ड में कितने Keys होते हैं?

          आज से कुछ साल पहले तक Standard Keyboard में 84 बटन (Keys) हुआ करते थें लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ गयी है. आज के Standard Keyboard में बटन की संख्या 104 होती है और लैपटॉप के कीबोर्ड में बटन की संख्या 102 होती है.

          Keyboard कितने प्रकार के होते हैं?

          1. यूएसबी कीबोर्ड
          2. मल्टीमीडिया कीबोर्ड
          3. गेमिंग कीबोर्ड
          4. तार रहित (वायरलेस)
          5. एर्गोनॉमिक कीबोर्ड
          6. वर्चुअल कीबोर्ड
          7. मैकेनिकल (यांत्रिक)
          8. QWERTY (क्वर्टी) 


          इस अध्ययन से हम समझ सकते हैं कि कीबोर्ड का सही ज्ञान और उपयोग, कंप्यूटर के कार्यों को बेहतर तरीके से करने में सहायक होता है।

            

          4. Mouse 

          अध्याय: माउस - एक कम्प्यूटर इनपुट डिवाइस


          इस अध्याय में हम माउस के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जो कि एक महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है। माउस का उपयोग कंप्यूटर में विभिन्न कार्यों को करने के लिए किया जाता है, जैसे कि पॉइंटर को मूव करना, फाइलों को सिलेक्ट करना और उन्हें खोलना। इसकी उपयोगिता के कारण यह कंप्यूटर के मुख्य भागों में से एक है, जिसमें सीपीयू, कीबोर्ड और मॉनिटर शामिल हैं। माउस का आविष्कार डगलस एंगेलबर्ट द्वारा 1968 में किया गया था, और तब से यह कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं के लिए एक आवश्यक उपकरण बन चुका है। इस अध्याय में हम माउस के कार्य, उसके बटन और उसके विभिन्न प्रकार के उपयोगों पर चर्चा करेंगे।

          प्रस्तावना

          इस अध्याय का मुख्य विषय माउस है, माउस का उपयोग कम्प्यूटर के साथ संवाद स्थापित करने के लिए किया जाता है, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से विभिन्न कार्य कर सके। माउस का आविष्कार 1968 में डगलस एंगेलबर्ट द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य कीबोर्ड पर निर्भरता को कम करना था। माउस के उपयोग के कई तरीके हैं, जैसे कि फाइलों का चयन करना, उन्हें खोलना या बंद करना, और स्क्रीन पर विभिन्न वस्तुओं के साथ बातचीत करना। इस अध्याय में, हम माउस के कार्यों, उसके प्रकारों और उनके उपयोग की विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।

          माउस का परिचय

          • माउस को इनपुट डिवाइस माना जाता है, जैसे कि कीबोर्ड।
          • यह कम्प्यूटर के सीपीयूकीबोर्ड, और मॉनिटर के साथ काम करता है।
          • माउस का मुख्य कार्य pointer को स्क्रीन पर मूव करना है, जिसके माध्यम से उपयोगकर्ता विभिन्न फाइलों और फोल्डरों का चयन कर सकता है।

          माउस का आविष्कार

          • आविष्कार: माउस का आविष्कार 1968 में डगलस एंगेलबर्ट द्वारा किया गया था।
          • समस्या का समाधान: इससे पहले, कम्प्यूटर के कार्य कीबोर्ड के द्वारा ही किया जाता था, जिसमें कई बटनों को याद करना पड़ता था। जो उपयोगकर्ताओं के लिए कठिनाई का कारण बनता था। माउस ने इस समस्या का समाधान प्रस्तुत किया।
          • पूर्ण नाम: माउस का पूरा नाम मैन्युअल ऑपरेटेड यूटिलिटी पर सिलेक्टिंग इक्विपमेंट है।

          माउस के प्रमुख बटन और कार्य

          बटन संरचना

          • माउस में आमतौर पर तीन बटन होते हैं:
            • लेफ्ट बटन: प्राइमरी कार्यों के लिए।
            • राइट बटन: सेकेंडरी कार्यों के लिए।
            • स्क्रॉल बटन: लंबी फाइलों को ऊपर-नीचे स्क्रॉल करने के लिए।

          माउस की विशेषताएँ

          • बटन: माउस में मुख्य रूप से दो बटन होते हैं - लेफ्ट बटन और राइट बटन, साथ ही एक स्क्रॉल बटन भी होता है।
            • लेफ्ट बटन: इसे प्राइमरी बटन कहा जाता है और इसका उपयोग फाइलों और फोल्डरों को सिलेक्ट करने के लिए किया जाता है।
            • राइट बटन: इसे सेकेंडरी बटन कहा जाता है, और इसका उपयोग प्रॉपर्टीज को देखने के लिए किया जाता है।
            • स्क्रॉल बटन: इसका उपयोग स्क्रीन पर लंबी फाइलों को ऊपर-नीचे देखने के लिए किया जाता है।


          माउस के कार्य

          1. लेफ्ट क्लिक

          • परिभाषा: माउस के लेफ्ट बटन को एक बार दबाना और छोड़ना लेफ्ट क्लिक कहलाता है।
          • उपयोग: इसका उपयोग किसी ऑब्जेक्ट, फाइल, फोल्डर, इमेज, या टेक्स्ट को सिलेक्ट करने के लिए किया जाता है।

          2. डबल क्लिक

          • परिभाषा: लेफ्ट बटन को जल्दी-जल्दी दो बार क्लिक करना डबल क्लिक कहलाता है।
          • उपयोग: इसका उपयोग किसी फाइल, फोल्डर या डॉक्यूमेंट को खोलने के लिए किया जाता है।

          3. राइट क्लिक

          • परिभाषा: माउस के राइट बटन का उपयोग किसी फाइल या फोल्डर की प्रॉपर्टीज़ को एक्सेस करने के लिए किया जाता है।
          • उपयोग: राइट क्लिक करने पर कट, कॉपी, पेस्ट जैसे विकल्प उपलब्ध होते हैं।

          4. ड्रैग और ड्रॉप

          • परिभाषा: माउस की सहायता से किसी फाइल या फोल्डर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना ड्रैग और ड्रॉप कहलाता है।
          • उपयोग: यह उपयोगकर्ता को फाइलों और फोल्डरों को आसानी से व्यवस्थित करने में मदद करता है।

          5. स्क्रोलिंग

          • परिभाषा: माउस में उपस्थित स्क्रॉल व्हील की मदद से स्क्रीन पर ऑब्जेक्ट्स को ऊपर-नीचे करना स्क्रोलिंग कहलाता है।
          • उपयोग: इसकी मदद से लंबे टेक्स्ट और फाइलों को आसानी से देखा जा सकता है, विशेषकर इंटरनेट ब्राउज़िंग के दौरान।

          कार्यों का विवरण

          1. लेफ्ट क्लिक:

            • एक बार क्लिक करना किसी भी ऑब्जेक्ट, फाइल, फोल्डर, इमेज, या टेक्स्ट का चयन करने के लिए किया जाता है।
            • डबल क्लिक करना किसी फाइल या फोल्डर को खोलने के लिए आवश्यक है।
          2. राइट क्लिक:

            • किसी फाइल या फोल्डर की प्रॉपर्टीज को एक्सेस करने के लिए उपयोग होता है, जैसे कि कट, कॉपी, और पेस्ट।
          3. ड्रैग और ड्रॉप:

            • माउस के लेफ्ट बटन का उपयोग करके किसी फाइल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया है।
          4. स्क्रोलिंग:

            • माउस के स्क्रॉल बटन का उपयोग करके स्क्रीन पर सामग्री को ऊपर-नीचे देखने के लिए किया जाता है।
            • इंटरनेट ब्राउज़र में इसकी सबसे अधिक उपयोगिता होती है जब उपयोगकर्ता वेबसाइट के विभिन्न हिस्सों को देखने के लिए स्क्रोल करते हैं।

          माउस का उपयोग

          • माउस का उपयोग कम्प्यूटर पर कई कार्यों को करने के लिए किया जाता है।
          • लेफ्ट क्लिक, डबल क्लिक, राइट क्लिक, ड्रैग और ड्रॉप, और स्क्रोलिंग जैसे कार्य उपयोगकर्ताओं को कम्प्यूटर से इंटरैक्ट करने में मदद करते हैं।

          निष्कर्ष

          माउस एक प्रभावशाली कम्प्यूटर इनपुट डिवाइस है जिसने उपयोगकर्ताओं के लिए कम्प्यूटर के साथ बातचीत को सरल बनाया है। इसका आविष्कार तकनीकी उन्नति का प्रतीक है और यह कम्प्यूटर के कार्यों को तेजी से और अधिक सहजता से करने में सहायक है। माउस के विभिन्न कार्य और बटन उपयोगकर्ताओं को उनके आवश्यक कार्यों को पूरा करने में मदद करते हैं, जिससे कम्प्यूटर का उपयोग अधिक प्रभावी और उत्पादक बनता है।

          अध्याय में वर्णित जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि माउस केवल एक साधारण उपकरण नहीं है, बल्कि यह कम्प्यूटर के संचालन का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसके विविध कार्यों की समझ और उपयोग के तरीके सीखकर, उपयोगकर्ता कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

          अतिरिक्त जानकारी

          माउस का क्या कार्य है?

          माउस (Mouse)- माउस किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के लिए मुख्य इनपुट डिवाइस है। यह एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्वाइंटिंग इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में pointer की मदद सेबड़ी ही आसानी सेइनपुट देने के लिए किया जाता है। Pointer का प्रयोग होने के कारणइसे प्वाइंटिंग डिवाइस भी कहते हैं।

          कंप्यूटर में माउस यूजर को Cursor के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक Movement कराने में Help करता है. कंप्यूटर में माउस के द्वारा स्क्रीन पर प्रत्येक टेक्स्ट को सलेक्ट करने के साथ साथ फाइल को एक स्थान से दूसरे स्थान Drag-And-Drop और स्क्रीन पर मौजूद आइटम्स पर क्लिक करने में साहयता करता है।

          यह GUI (Graphic User Interface) में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली pointer input device है। इसका विकास 1980 के दशक के बाद किया गया था। इसका आकार माउस (चूहें) के समान होने के कारण इसे माउस कहा जाता है। इसमें कुल तीन बटन होते हे।

          माउस कितने प्रकार के होते?

          माउस के प्रकार मेंमुख्य तौर पर इसे चार प्रकरो में देखा जा सकता हैजिसमें Mechanical mouse, Optical mouse, trackball mouse, stylish mouse इत्यादि आते हैं। इसके अलावा माउस के अन्य प्रकारों में wired mouse और wireless mouse भी आते हैं। सबसे पहले जिस माउस का इस्तेमाल किया जाता थावह मैकेनिकल माउस ही होते थे। 

          माउस का फुल फॉर्म क्या होता है?

          Mouse (माउस) ka full form: Manually operated user selection equipment. MOUSE का कोई आधिकारिक पूर्ण रूप नहीं है क्योंकि MOUSE एक संक्षिप्त नाम नहीं है। इसके बजाय MOUSE एक हार्डवेयर डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम में किया जाता है।

           माउस के कितने प्रकार होते हैं? 

          माउस 5 ( पांच) प्रकार के होते हैं? - जैसे कि - मैकेनिकल, ट्रेकबॉल, ऑप्टिकल,वायरलेसटचपैड माउसमैकेनिकल माउस के नीचे एक रबड़ का बॉल होता हैजो सभी दिशाओं (बाएंदाएंऊपर और नीचे) में स्पिन कर सकता है। एक ट्रैकबॉल माउस एक पॉइंटिंग डिवाइस है। इस माउस में एक बॉल माउस के ऊपर होता हैं।

          माउस में कितने बटन होते हैं?

          आजकल Mouse बहुत ही नए प्रकार के एवं आधुनिक होते जा रहे है। आमतौर पर यह कम्प्यूटर के साथ cable wire के माध्यम से जुड़ा रहता हैजिसमे कुल 3 button होते है। कई नए प्रकार के mouse wireless एवं अलग अलग आकार एवं Design के आने लगे है।

          ऑप्टिकल माउस का आविष्कार कब हुआ?

          माउस का आविष्कार डग्लस कार्ल एंजलवर्ट” के द्वारा किया गया था। इन्होंने माउस का आविष्कार सन 1960 में किया था परंतु इसका पेटेंट इनके द्वारा 17 नवंबर 1970 को करवाया गया।


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          टाइप्स ऑफ डिवाइस 


          TYPES of Device’s

           

           

          कंप्युटर डिवाइस तीन प्रकार के होते है जिसमे सबसे पहले इनपुट डिवाइस आता है जिसकी सहायता से उपयोगकर्ता कंप्यूटर में डेटा और निर्देशों को भेजता है इसके बाद दूसरे नंबर पर प्रोसेसिंग डिवाइस आते है जो दिए गए डाटा  को प्रोसेस करके तीसरे टाइप के डिवाइस यानि आउट्पुट तक भेज देता है जो की रिजल्ट को उपयोगकर्ता के सामने परस्तुत करता है 

          आइये इनके बारे मे विस्तार से जानते है --

          1. First - Input Device 

          2. Second - Processing Device

          3. Third - Output Device

          1. इनपुट डिवाइस ( Input Device )

          इनपुट डिवाइस वे उपकरण हैं जिनकी सहायता से उपयोगकर्ता कंप्यूटर में डेटा और निर्देशों को भेजता है। इनमें शामिल हैं:

          Input Device एक ऐसी Electronic Device होती है जिसके द्वारा हम डिवाइस में डेटा enter कर सकते हैं। यह Computer का एक Part है. हम जिस किसी भी Device के द्वारा कंप्यूटर या personal कंप्यूटर में कुछ भी Input करते हैंउसे Input device कहा जाता है.

          इसके कुछ उदहारण हैं Keyboard, Mouse, Scanner, microphone, Light Pen.

          इनपुट डिवाइस कई प्रकार के होते है जो निम्न प्रकार है 

          1. की-बोर्ड (Keyboard)
          2. माउस (Mouse)
          3. स्कैनर (Scanner)
          4. जॉयस्टिक (Joystick)
          5. लाइट पेन (Light pen)
          6. स्कैनर (Scanner)
          7. एम.आई.सी.आर. ( MICR)
          8. ट्रैकबाल (Trackball)

           




           



           

          • कीबोर्ड:

            • यह सबसे महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है, जिसका उपयोग टेक्स्ट, न्यूमेरिकल डेटा और विशेष कैरेक्टर इनपुट करने के लिए किया जाता है।
            • कीबोर्ड में विभिन्न प्रकार की कुंजियाँ होती हैं, जैसे अल्फाबेटन्यूमेरिक, और फंक्शन कीज़
            • इसके आविष्कारक क्रिस्टोफर लेथम शॉल्स थे।
          • माउस:

            • यह एक पॉइंटिंग डिवाइस है जिसका उपयोग स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
            • माउस में तीन बटन होते हैं: बायां बटन, दायाँ बटन, और स्क्रॉल व्हील।
            • इसके आविष्कारक डगलस एंगेलबार्ट थे।
          • स्कैनर:

            • इसका उपयोग टेक्स्ट, इमेज या दस्तावेजों को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।
            • यह हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदलता है।
          • ट्रैकबॉल:

            • यह भी एक पॉइंटिंग डिवाइस है, जो माउस के आकार का होता है और इसे नियंत्रित करने के लिए एक गेंद का उपयोग किया जाता है।
          • लाइट पेन:

            • इसका उपयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर ड्राइंग और ग्राफिक्स बनाने के लिए किया जाता है।
          • टच स्क्रीन:

            • इसमें उपयोगकर्ता अपनी अंगुलियों के माध्यम से डेटा इनपुट करते हैं, जो कि स्मार्टफोन और एटीएम में सामान्य है।
          • बारकोड रीडर:

            • यह एक लाइट-सेंसिटिव डिवाइस है जो बारकोड और इमेज दोनों को स्कैन कर सकता है।
          • माइक्रोफोन:

            • इसका उपयोग ध्वनि इनपुट देने के लिए किया जाता है।
          • वेबकैम:

            • इसका उपयोग वीडियो कैप्चरिंग और इमेज कैप्चरिंग के लिए किया जाता है।


          2.  प्रोसेसिंग डिवाइस क्या है?

          निर्देशों को पालन (execution) करता है। इसमें सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कंप्यूटर के निर्देशों को पालन (execution) करता है। आपके द्वारा दी गयी कमांड या डाटा को प्रोसेसर द्वारा सॉफ्टवेयर में उपलब्ध जानकारी और निर्देशों के अनुसार प्रोसेस कराया जाता है। 


          3. Output Device क्या है?

           What is Output Device in Hindi?


          आउटपुट डिवाइस

          आउटपुट डिवाइस वे उपकरण हैं जो कंप्यूटर द्वारा संसाधित डेटा का परिणाम प्रस्तुत करते हैं।

          जिसमें Out का मतलब बाहर तथा Put का मतलब रखना या डालना होता है। इसके अनुसार Output का मतलब बाहर रखना या डालना होगा। Output का हिंदी में निर्गम भी होता है। जिसका मतलब निकलने या निकालने की क्रिया” होता है 

          Output Device क्या हैपरिभाषा व उदाहरण

          ... तो कोई भी हार्डवेयर डिवाइस जो कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस किये गए निर्देशों को रिसीव करता हैऔर उन्हें आउटसाइड वर्ल्ड के लिये डिस्प्ले करता हैउन्हें हम “Output Devices” कहते है। उदाहरण के लिये — मॉनिटरप्रिंटरस्पीकर और प्लॉटर इत्यादि।

          Output device क्या है और इसके प्रकार?

          आउटपुट डिवाइस वह हार्डवेयर होते हैं जिनका उपयोग टेक्स्ट और ग्राफिक्स प्रदर्शित करने के लिए किया जा सकता है. आउटपुट डिवाइस में आमतौर पर एक स्क्रीन होती हैलेकिन वे प्रिंटरप्रोजेक्टर या ऑडियो डिवाइस भी हो सकते हैं. ... EX- Monitor, Speaker, Printer, Projector, Plotter.


          आउटपुट डिवाइस के प्रकार 

          (Types of Output Device)

           

          1. मॉनीटर (Monitor)
          2. प्रिंटर (Printer)
          3. प्लोटर (Plotter)
          4. प्रोजेक्टर (Projector)
          5. साउंड कार्ड (Sound Card)
          6. इअर फोन (Ear phone)
          7. मॉनिटर
          8. स्पीकर
          9. विजुअल डिस्प्ले 
          10. टर्मिनलस्क्रीन 
          11. इमेज प्रोजेक्टर

           

          • मॉनिटर:

            • यह एक प्रमुख आउटपुट डिवाइस है जो स्क्रीन पर सॉफ्ट कॉपी आउटपुट प्रदान करता है।
            • मॉनिटर के प्रकारों में CRTLCDLED, और प्लाज्मा शामिल हैं।
          • प्रिंटर:

            • इसका उपयोग हार्ड कॉपी आउटपुट प्रदान करने के लिए किया जाता है।
            • प्रिंटर के प्रकारों में इंपैक्ट प्रिंटर (जैसे डॉट मैट्रिक्स) और नॉन-इंपैक्ट प्रिंटर (जैसे इंकजेट, थर्मल, और लेजर) शामिल हैं।
          • प्लॉटर:

            • इसका उपयोग ग्राफिकल आउटपुट तैयार करने के लिए किया जाता है।
          • प्रोजेक्टर:

            • इसका उपयोग जानकारी को बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।
          • स्पीकर:

            • इसका उपयोग ध्वनि आउटपुट प्रदान करने के लिए किया जाता है, विशेष रूप से मल्टीमीडिया एप्लिकेशनों में।
          • हेडफोन:

            • इसका उपयोग व्यक्तिगत ध्वनि सुनने के लिए किया जाता है।

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